5 नवंबर से बदल गया UPI का नियम, ₹2000 से ज़्यादा ट्रांजैक्शन पर लगेगा ₹200 टैक्स, जानें पूरी डिटेल UPI New Rule!

1 नवंबर से UPI पेमेंट का एक बड़ा फीचर बंद होने जा रहा है। क्या आप जानते हैं कि यह कौन सा फीचर है और इसका आप पर क्या असर पड़ेगा? इस बदलाव के पीछे की वजह चौंकाने वाली है, और यह आपकी ऑनलाइन पेमेंट की आदत को पूरी तरह बदल सकता है।

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आज के समय में ज्यादातर लोग UPI का इस्तेमाल कर रहे है। UPI से किसी को भी पेमेंट करना काफी आसान है। बस एक क्लिक पर पैसे ट्रांसफर हो जाते है, पैसे साथ ले जाने की झंझट ही खत्म। लेकिन अब नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI ऐप्स की ‘कलेक्ट रिक्वेस्ट’ या ‘पुल ट्रांजेक्शन’ सर्विस को बंद करने का फैसला लिया है। अब 1 अक्टूबर से आपके दोस्त या रिस्तेदार सीधे PhonePe और Google Pay ऐप से पैसे नहीं मांग सकते है।

ये भेज सकते है सीधे पेमेंट रिक्वेस्ट

1 नवंबर से, IRCTC, फ्लिपकार्ट, अमेज़न, और नेटफ्लिक्स जैसी बड़ी कंपनियाँ अपने ग्राहकों को सीधे पेमेंट रिक्वेस्ट भेज सकेंगी, क्योंकि सामान्य यूज़र्स के लिए यह सेवा अब बंद कर दी गई है।

धोखाधड़ी को रोकने के लिए उठाया कदम

NPCI ने UPI के एक खास फीचर को बंद करने का फैसला इसलिए लिया ताकि दोस्तों और रिश्तेदारों से पैसे मांगने या ऑनलाइन शॉपिंग को आसान बनाया जा सकें। कुछ समय से ऑनलाइन ठगी के मामले काफी बढ़ गए थे, जिन पर रोक लगाने के लिए NPCI ने यह खास कदम उठाया है। अब ऑनलाइन पेमेंट पहले से कही ज्यादा सुरक्षित हो जाएगी।

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एनपीसीआई द्वारा लेनदेन सीमा बढ़ाने का मुख्य उद्देश्य डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना है। सरकार चाहती है कि अधिक से अधिक लेनदेन डिजिटल माध्यम से हों क्योंकि इससे पारदर्शिता बढ़ती है और काले धन पर अंकुश लगता है। जब बड़े लेनदेन भी यूपीआई जैसे डिजिटल माध्यम से होंगे तो सरकार के लिए उन्हें ट्रैक करना आसान हो जाएगा। यह नियम पंद्रह सितंबर 2025 से प्रभावी हुए हैं और इनका उद्देश्य ईमानदार करदाताओं को सुविधा देना है न कि उन पर अतिरिक्त बोझ डालना।

नया UPI नियम क्यों लागू किया गया?

यह समझना जरूरी है कि डिजिटल लेनदेन की सुविधा बढ़ाई गई है लेकिन टैक्स नियम सभी प्रकार की आय पर समान रूप से लागू होते हैं। चाहे आप नकद लेनदेन करें या डिजिटल, यदि आपकी आय कर योग्य है तो आपको टैक्स देना ही होगा। यूपीआई केवल भुगतान का एक सुविधाजनक माध्यम है जो लेनदेन को तेज और आसान बनाता है। इसका उपयोग करते समय ईमानदारी और पारदर्शिता बनाए रखें।

यूपीआई लेनदेन पर कोई विशेष टैक्स नहीं है। टैक्स का निर्धारण आपकी कुल आय और आय के स्रोत से होता है। एनपीसीआई ने कुछ विशेष श्रेणियों के लिए लेनदेन सीमा बढ़ाई है जो डिजिटल भुगतान को और सुविधाजनक बनाती है। सामान्य पीटूपी लेनदेन की दैनिक सीमा एक लाख रुपये है। अपने सभी लेनदेन का उचित रिकॉर्ड रखें और यदि आय कर योग्य है तो नियमित रूप से रिटर्न दाखिल करें। डिजिटल माध्यमों का उपयोग करें लेकिन पारदर्शिता बनाए रखें। किसी भी कर संबंधी भ्रम के लिए योग्य सलाहकार से परामर्श लें!

Disclaimer 

यह लेख केवल सामान्य जानकारी और जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। यूपीआई लेनदेन और कर से संबंधित सभी आधिकारिक जानकारी के लिए कृपया भारतीय रिजर्व बैंक, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट देखें। कर नियम जटिल होते हैं और व्यक्तिगत परिस्थितियों के अनुसार बदल सकते हैं। यहां दी गई जानकारी किसी वित्तीय या कर सलाह का विकल्प नहीं है। किसी भी कर संबंधी निर्णय लेने से पहले योग्य चार्टर्ड अकाउंटेंट या कर सलाहकार से परामर्श अवश्य लें।

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